दोस्तों, मेरा नाम नीलम है और मै एक शादीशुदा औरत हु | मेरे पति एक निजी कंपनी मे अच्छे पद पर है और उनको सिर्फ काम करना ही अच्छा लगता है | मेरे दो बच्चे है | अब काफी बड़े हो गये है, लेकिन उनको नहीं मालूम की, दोनों ही बच्चे उनके नहीं है | एक बच्चा मेरे ड्राईवर का है और एक मेरे मास्टर जी का | मुझे डांस का बहुत शौक था और शादी से पहले, मै अपने मास्टर जी से डांस सीखती थी | शादी के बाद मेरा डांस करना छूट गया | मेरे पति काम मै काफी व्यस्त रहते थे और उनके पास मेरे लिए टाइम नहीं था और रात को भी सिर्फ बिस्तर गरम करने के लिए संभोग करते थे |

काफी संभोग के बाद, जब कोई बच्चा नहीं हुआ तो मुझे पता चला की, उनमे कोई कमी है, लेकिन उनका दिमाग ये मानने के लिए तैयार ही नहीं था |मैने उनको शांत रखने के लिए, अपना झूटमुठ का इलाज करवाना शुरू कर दिया और अपना समय का उपयोग करने के लिए मास्टर जी से डांस सीखना शुरू कर दिया | मेरा शरीर अभी तक अतृप्त था और उसको किसी के शरीर का इंतज़ार था और वो एक कामुक शरीर की तलाश कर रहा था | मास्टर जी के साथ, मै डांस जरुर कर रही थी, लेकिन मेरा आधा दिमाग संभोग की प्यास मे लगा रहता था | पहले जब मास्टर जी मुझे छुते थे, तो मुझे कोई अहसास नहीं होता था और अब अगर मास्टर जी का हाथ गलती से भी छु जाता था, तो मेरे शरीर मे सिरहन होने लगती थी | धीरे-धीरे मास्टर जी को भी मेरी प्यास के बारे मे पता लगने लगा और वो मुझे ज्यादा से ज्यादा छुने का प्रयास करने लगे |

शुरू मे तो मेरी हिम्मत नहीं होती थी और मुझे शर्म भी आती थी | लेकिन, फिर मैने अपने को समझाया और सोचा, कि अगर अपनी तृष्णा को शांत करना है तो मुझे ही पहल करनी पड़ेगी | अगले दिन, मैने अपने को अच्छी तरह से सजाया और मास्टर जी का इंतज़ार करने लगी | मास्टर जी ने मुझे अब गले लगाना शुरू कर दिया था और वो गले लगाते हुए, मेरे चूचो के अक्सर अपनी छाती से दबा देते थे |उस दिन भी, उन्होंने वही किया और मुझे अपने शरीर की तरफ खीचकर दबा दिया और मेरे चुचे उनकी छाती से दब गये | ये ही सही वक़्त था, उनको पकड़ने का | मैने भी मास्टर जी को कसकर पकड़ लिया और उनके गाल पर मस्त और लम्बा सा चुम्मा जड़ दिया | मास्टर जी लड़कियों को डांस सिखाते थे, तो उनका चाल-चलन थोडा सा लड़कियों वाला हो गया था | लेकिन, फिर भी उनकी पकड़ काफी मजबूत थी |


उन्होंने, म्यूजिक चालू किया और मेरे साथ डांस करना शुरू कर दिया | फिर, डांस ले बीच-बीच मे वो मेरे को अपनी बाहों मे भर लेते थे और एक – एक करके मेरे और अपने कपडे उतारने शुरू कर दिया | कुछ ही देर मे, मेरे शरीर पर ब्रा और पेंटी और उनके शरीर पर कुछ भी नहीं रह गया था | उनका रंग एक दम गोरा था और उनका लंड काफी लाल था और उसका सुपदा एक दम गुलाबी | उनका लंड काफी लम्बा था और मुझे नहीं लगता था, कि उनके लड़की वाले शरीर पर भी इतना लम्बा लंड हो सकता था | उन्होंने, मेरे शरीर से ब्रा और पेंटी भी खीच ली, और मास्टर जी के सामने मेरा मस्त और कामुक नंगा शरीर आ गया | मास्टर जी का लंड फुंकारे मार रहा था और मेरी छूट मे खुजली बढने लगी थी | मास्टर जी मुझे खीचकर सोफे पर गिरा लिया और मस्ती मे मुझे चूसने लगे | उनके होठ और मेरे होठ आपस मे जुड़े हुए थी और हम दोनों की गरम साँसों की आवाजो से पूरा कमरा कामुक बन रहा था | फिर, मास्टर जी ने मेरे चूचो पर हमला कर दिया और मेरे चूचो को अपने मस्त हाथो से दबाने लगे और मस्ती मे मेरे निप्पल को चूसने लगे | मेरा शरीर हिल रहा था और मस्ती मे मचल रहा था | अब मास्टर जी ने ६९ लेकर मेरी छूट मे अपना मुह घुसा दिया और मेरी चूत को चाटने लगे | मेरी चूत पर उसदिन बाल नहीं थे और मास्टर जी बड़े मज़े से मेरी चूत को और उसके आसपास मस्ती मे चाट और काट रहे थे | उनका लंड मेरे शरीर के ऊपर कोहराम मचा रहा था |अब मै घूमकर बैठ गयी और मैने अपने पैरो को खोल लिया और अपने हाथो से अपनी चूत को खोल लिया | मास्टर जी ने अपना लंड अपने हाथो मे लिया और मेरी चूत से रगड़ने लगे और रगड़ते हुए ही एकदम अन्दर घुसा दिया | मै गुसवाने के लिए तैयार नहीं थी और जाब उनका लंड मेरी चूत मे जाकर टकराया, तो मेरे मुह से चीख निकल गयी और मेरी गांड मस्ती मे हिलने लगी |

उस दिन अन्दर तक चुदना चाहती थी और मस्ती मे मास्टर जी से चिपकी हुई अपनी गांड मे उनका लंड ज्यादा से ज्यादा लेने की कोशिश कर रही थी | कुछ ही देर मे, मैने अपना पानी छोड़ दिया और मास्टर जी ने भी अपनी गांड तेज हिला-हिलाकर अपना सारा वीर्य मेरी चूत मे छोड़ दिया | उस दिन ही, मास्टर जी ने अपना बीज मेरे अन्दर डाल दिया था और उनके वीर्य से मुझे एक बच्चा मिल गया | मास्टर जी थक गये थे और एक साइड मे गिर गये और मै भी मास्टर जी के ऊपर गिर गयी | हम दोनों कुछ देर नंगे सोते रहे और फिर मास्टर जी ने मुझे रोजाना चोदना शुरू कर दिया |

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